कभी सोचा है कि एक सितारों भरी रात से
कहीं ज्यादा रोशनी होती है एक चाँदनी रात में
क्यूँ हजारों की भीड़ में से
केवल एक चेहरा उतर जाता है
अंतस: मैं हमेशा के लिए फिर उसके बाद
भले ही कितने भी खूबसूरत चेहरे क्यूँ ना आए
ज़िंदगी में मगर उस एक चेहरे की परछाईं
जैसे छप कर रह जाती है
कागज़ से कोरे मन पर सदा के लिए
जैसे कोरे कागज़ पर
लिखावट के रूप मे स्याही
जज़्ब होती चली जाती है निरंतर
वैसे ही यह पागल मन
सारी ज़िंदगी बस उस एक
एहसास को नग्मा बना गुनगुनाया
करता है मन
"यूँ हीं कोई मिल गया था सारे राह चलते-चलते"
क्यूँ कोई भी चीज़ चाहे हो कोई मनमोहक गीत
या फिर किसी नाटक या कथा का कोई पात्र
जिसे देखकर, सुनकर या पढ़कर ऐसा लगता है
जैसे बस एक यही वह इंसान था जो इस पात्र
को इतनी शिद्दत से निभा सकता था
अगर कोई दूसरा होता,तो शायद इस पात्र के
साथ वैसा इंसाफ नहीं कर सकता था
या फिर हो असल ज़िंदगी में
आने वाला पहले प्यार का वह शौख झोंका
जो हर दिल को छू जाता है कभी न कभी
और उस एक झोंके के बाद कोई और हवा रास नहीं आती
भले ही वो कितनी भी सुहानी क्यूँ न हो
और हम उस मीठी सी याद में खोकर
अक्सर मौन से हो जाते है
क्या मौन ही एकमात्र जवाब है
दिल में उठते हुए एहसासों का
क्या अकेले में याद कर उन हसीन लम्हों को
यूँ मौन रहकर मुस्कराना प्यार है
या फिर उन एहसासों को ना चाहते हुए भी मारकर
वक्त की सूली पर टांग, फर्ज़ का नाम देकर मुकर जाना
प्यार है, या फिर एहसास ही नाम है इस प्यार का....
पल्लवी जी, आपने बिलकुल सही लिखा,हाँ यही प्यार है
ReplyDeleteबेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुतीकरण..
NEW POST...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
और उस एक झोंके बाद कोई और हवा रास नहीं आती ,
ReplyDeleteभले ही वो कितनी भी सुहानी क्यूँ न हो
और हम उस मीठी सी याद में खोकर
वक्त की सूली पर टांग फर्ज़ के नाम देकर मुकर जाना
क्या यही प्यार है या फिर एहसास ही नाम है इस प्यार का....
दिल में अगर सच्चा प्यार हो , तो , सब सवालों - जबाबों से ऊपर होता है.... !!
आदमी अपने मूल में मौनस्थ ही होता है।
ReplyDeleteक्या अकेले में याद कर उन हसीन लम्हों को
ReplyDeleteयूँ मौन रहकर मुसकुराना प्यार है
बहुत विचारणीय प्रश्न उठाये हैं...लेकिन प्रेम सिर्फ़ एक अहसास है जो सब प्रश्नों से ऊपर है...बहत सुंदर रचना..
sawaal jawab se parey maun hokar muskurana pyar hai. sundar aur gahre ehsaas, shubhkaamnaayen.
ReplyDeleteबहुत खूब ! इतना अच्छा लिखती हो ...मैं भी इंदौर की ही हूँ..और मेरा एक भाई भोपाल में ही रहता हैं ..
ReplyDeleteहम्म समझ आ गया कि वेलेंटाइन डे आने वाला है :)..अब ये प्यार क्या है ये तो बड़ा मुश्किल सवाल है..जबाब हमें तो नहीं मिला आजतक.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है.
pyaar kya hai is ka jwaab dena bda mushkil hai,asl me pyaar pani ki tarah hai,us ki svam ki koi nishchit paribhasha nahi hai,paatr,ghtna,pristithi ke hisaab se badlti hai pribhasha,par aap ne likha bahut pyaara hai...bdhaai aap ko...
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