वात्सल्य की इस तलाश में
एक उम्र के बाद
फिर इसे पाने में
एक उम्र गुज़र जाती है
कभी हम नहीं होते
तो कभी वह छाँव गुज़र जाती है
भाग्यशाली हूँ मैं कि
आज भी मेरे सर पर इनका साया है
प्रार्थना है बस यही
स्वस्थ एवं खुश रहे
वह सदा
जिन्होंने हम पर
सदा ही यह प्यार लुटाया है... पल्लवी