कभी- कभी कुछ तस्वीरें ले तो ली जाती हैं खेल-खेल में
लेकिन बाद में उन्हें देखने पर बहुत कुछ समझ में आता है
जैसे कि यह तस्वीर,
इस तस्वीर को देखकर मन में यह विचार आया
कि जैसे माँ प्रकृति ने आशाओं और उम्मीदों से भरा यह सिक्का
मेरे हाथ पर रखते हुए धीरे से मुझसे कहा था उस रोज़
कि लो बेटा मेरी ओर से तुमको यह एक छोटी सी भेंट
इसे सदा अपने पास संभाल कर, संजो कर रखना
और
जब भी किसी और को इसकी जरूरत हो
तब उसे यह देने में क्षण भर की भी देरी ना करना
आज कल बहुत जरूरत है ना इसकी सभी को,
हर किसी के मन में एक उदासियों और अंधकार से भरा एक कोना है
जो घर कर गया है सभी के मन में
जिसके कारण जीना तो चाहते हैं लोग,
किन्तु सहज रूप से जी नहीं पा रहे हैं
जीवन एक दिखावा बनकर रह गया
हर कोई उस पार जाना चाहता तो है
पर किसी के पास मांझी नहीं है,
तो किसी के पास पतवार नहीं है,
यूं भी बेटा इस भवसागर से पार जाना आसान नहीं है
लेकिन शायद यह सिक्का उस अंधेरे कोने में हल्की सी ही सही
पर आशा की एक छोटी सी रोशनी भर दे
जिसकी जगमगाहट स्वयं की नाव और स्वयं की पतवार
बनाकर उस भवसागर में बढ़ने का हौंसला दे दे
इसलिए रखो इससे अपने पास और बाँटते चलो हर बार
यह कभी न खत्म होने वाली दौलत है
जो सिर्फ अमीरों को जागीर नहीं, बल्कि गरीबों का सहारा है
एक ऐसा सहारा जिसकी जरूरत आज के समय में सभी को है
इसलिए तुम जरा भी फिक्र मत करो
बस खुले और साफ मन से बांटो
फिर देखना, एक दिन यह दुनिया वापस उतनी ही खूबसूरत होगी
जितनी कि हम आज केवल किताबों में पढ़ा और
चित्रों में देखा करते हैं।
Sahi samay par sahi lekh
ReplyDeleteइस रौशनी की सभी को ज़रूरत है...बाँटते चलो..!
ReplyDeleteबहुत सुंदर..!
इस रौशनी की सभी को ज़रूरत है...बाँटते चलो..!
ReplyDeleteबहुत सुंदर..!
इस रौशनी की सभी को ज़रूरत है...बाँटते चलो..!
ReplyDeleteबहुत सुंदर..!
प्रकृति ने बहुत अनमोल उपहार दिया है तुमको, संभालकर रखना,संभालकर खर्चना ... इसकी अहमियत को समझना
ReplyDeleteMa
ReplyDeleteBest gifts for Birthday Online
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