समंदर में उठती लहरें
जैसी पानी सी बहती हुई ज़िंदगी
ऊँची-नीची लहरों सी
पल-पल बदलती ज़िंदगी
समंदर के पानी की तरह
कभी गहरी, तो कभी, उथली सी ज़िंदगी
नदिया और सागर के मिलन
सी कभी मीठी तो कभी
खारे पानी सी खारी ज़िंदगी,
आखिर क्या है यह ज़िंदगी
जैसे पहेली हो कोई
जिसका शायद कोई जवाब नहीं
अपनी होते हुए भी
जानी-अनजानी सी ज़िंदगी
जैसे कुछ कही-अनकही सी बातें
जो आँखों-आँखों में होकर भी
रह जाती हैं अधूरी
कुछ ऐसे सवाल जिनका
शायद कभी कोई जवाब ही नहीं होता,
अगर कुछ होता है,
तो वह है केवल मौन, एक ऐसी खामोशी
एक ऐसा सन्नाटा जो सुनाई देता है
लहरों के शोर गुल मैं भी
जिसमें अक्सर तलाश होती है
खुद के अस्तित्व की, खुद के वजूद की
जैसे मंदिर की घण्टियों के शोर
में भी आभास होता है शांति का
आखिर क्यूँ और कहाँ से आभास होता है
इतने शोर गुल में भी पसरे सन्नाटे का
जैसे दूर .......तक नज़र डालने पर भी कभी
सागर का दूसरा किनारा नज़र नहीं आता
ठीक वैस ही, उस ज़िंदगी पर नज़र डालकर
भी देखा है कभी,
उस ज़िंदगी का भी
उस ज़िंदगी का भी
कभी कोई ओर-छोर नज़र नहीं आता
बस बहते पानी सी गुज़रती चली जाती है
यह ज़िंदगी और हम, साहिल की रेत की तरह
जज़्ब करते चले जाते हैं ज़िंदगी में उठती हुई लहरों के थपेड़ों को
और नाम देदेते हैं उसे
मेरे अनुभव ..... :)
बस बहते पानी सी गुज़रती चली जाती है
ReplyDeleteयह ज़िंदगी और हम, साहिल की रेत की तरह
जज़्ब करते चले जाते हैं ज़िंदगी में उठती हुई लहरों के थपेड़ों को
और नाम देदेते हैं उसे
मेरे अनुभव ..... :)
यही तो यह जिंदगी। अनुभवों के बगैर जिंदगी का मज़ा ही नहीं रह जाता।
सादर
यह ज़िंदगी और हम, साहिल की रेत की तरह
ReplyDeleteजज़्ब करते चले जाते हैं ज़िंदगी में उठती हुई लहरों के थपेड़ों को
और नाम देदेते हैं उसे
मेरे अनुभव ..... :)
sach kaha
:)
ReplyDeleteबहुत ख़ूब!!
ReplyDeleteजीवन चलने क नाम,चलते रहो सुबहो शाम,सुंदर रचना.
ReplyDelete--जिन्दगीं--
gindagi ko bahut gahraai se samjh rahi hain aap...sundar kavita...
ReplyDeleteसमुन्दर के लहरों के शोर गुल में भी
ReplyDeleteजिसमें अक्सर तलाश होती है
खुद के अस्तित्व की, खुद के वजूद की
जैसे मंदिर की घण्टियों के शोर
में भी आभास होता है शांति का
आखिर क्यूँ और कहाँ से आभास होता है
इतने शोर गुल में भी पसरे सन्नाटे का
जिन्दगी को बहुत गहराई से देखने की समझ कहाँ से लीं आप.... :):)
bahut khoob
ReplyDeletejindagi ke bare mein sahi likha
aur usake har pahlu ko sahi dhang se pesh kara
superlike
mere blog par bhi aaiyega
umeed kara hun aapko pasand aayega
http://iamhereonlyforu.blogspot.com/
behatarin rachana...
ReplyDeleteVastaviktha
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