स्त्री मन
डर का चिंतन
अंजान भय
शब्दों की टूटन
आँखों का पानी
मौन की पुकार
संस्कारों की बेड़ियाँ
या
सामाजिक बहिष्कार
हजारों झंझवात
लाखों अंतर्द्वंद
अनगिनत मौन संवाद
वजह
आत्मविश्वास की कमी
ग्रह -विग्रह की उलझन
पारिवारिक पतवार
टूटना बिखरना
ना मानना हार
जीवन के प्रति जिजीविषा
हर बार, लगातार ....पल्लवी
बहुत ही बढ़िया सत्य 👌🏽
ReplyDeleteVery nice 👍🏻👍🏻
ReplyDeleteHa stri aaj bhi akeli hi h apni parchhai se brabari krne ke liye bhi
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