Wednesday 25 January 2012

अस्तित्व ज़िंदगी का ....


ज़िंदगी एक रूप अनेक 
बचपन के रंगों से सजी झरने सी ज़िंदगी 
जवानी के रंग लिए नदिया सी मदमाती ज़िंदगी
तो कभी सागर की तरह ठेहराव लिए शांत सी ज़िंदगी
जब कोशिश की समझने की यह फलसफा ज़िंदगी का तो पाया की  
अस्तित्व कभी ख़त्म नहीं होता ज़िंदगी का 
लेकिन जिस तरह पानी एक झील और सागर के रूप में 
ठहरा होते भी बहता दिखाई देता है
जिससे पता चलता है ज़िंदा है अभी अस्तित्व 
पानी के बहाव का, वैसे ही ज़िंदगी कभी मिटती नहीं    
चाहे हो पौधों का जीवन जो बीज या जड़ों के रूप रूप में 
भी ज़िंदा रहा करता है बरसों जैसे 
माता-पिता का अस्तित्व रहता है 
सदा अपने बच्चों के संस्कारों में 
और प्यार का अस्तित्व 
सदा रहा करता है स्म्रतियों में कहीं 
जैसे किसी इत्र की महक जो 
ज़ेहन में बस जाये एक बार
तो फिर कभी भुलाई नहीं जाती
जैसे रात का अस्तित्व जिंदा रहा करता है 
दिन की रोशनी में कहीं
रात के अंधेर को मिटाने के लिए  
नींदों को रोशना किया करते है ख़ाब
देखो ना बिना रोशनी कुछ भी तो नहीं  
कौन कहता है जाने वाले चले जाते है 
और सिर्फ यादें रह जाती है 
कोई कहीं नहीं जाता सब हमारे आस पास ही 
होते हैं जिन्हें देख भले ही न पाये हम 
मगर उन्हें हर पल ज़रूर महसूस किया जा सकता है उनके अंशों में कहीं .....      
पल्लवी 

10 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..

    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  2. पल्लवी जी,...

    मै आपका फालोवर बन गया हूँ आप भी बने तो मुझे हार्दिक खुशी होगी,...आभार

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  3. kya likhun shabd hi nahin hae .गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  4. जब कोशिश की समझने की , यह फलसफा ज़िंदगी का , तो पाया कि ,
    अस्तित्व कभी ख़त्म नहीं होता ज़िंदगी का.... !!
    बहुत गहरी सोच दर्शाती आपकी रचना.... !

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  5. ज़िंदगी एक रूप अनेक
    बचपन के रंगों से सजी झरने सी ज़िंदगी
    जवानी के रंग लिए नदिया सी मदमाती ज़िंदगी
    तो कभी सागर की तरह ठेहराव लिए शांत सी ज़िंदगी

    par jindagi ke ye alag alar roopp khub khushi de jati hai.. basharte usko jeeya jaye:)
    behatareen!
    happy republic day.

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  6. ये जीवन है, इस जीवन का, यही है रंग रूप.....

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  7. सच ही लिखा है आपने..

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  8. बहुत सार्थक रचना । क्या खुब लिखा है पल्लवी जी ।
    मेरे ब्लॉग में आने के लिए धन्यवाद ।

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  9. बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें! जय हिन्द!

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