Pasand

Friday, 30 August 2024

आँखें ~👁️👁️

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आँखें जो बिना तलवार ही घायल करने का हुनर रखती है, जो जानना हो कभी किसी भी स्त्री को तो पढ़ो उसकी आँखें...!  उसकी आँखों में ही छिपे होते हैं ...
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Sunday, 10 March 2024

चक्का

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चक्कों से शुरु हुई जिंदगी चक्कों पर ही खत्म हो जाती है हम सोचते हैं चक्कों पर जीवन संभालना आसान हो जाएगा किन्तु चक्कों पर ही ज़िन्दगी भारी हो...
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Tuesday, 30 January 2024

स्त्री मन ~

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  स्त्री मन  डर का चिंतन  अंजान भय  शब्दों की टूटन  आँखों का पानी  मौन की पुकार  संस्कारों की बेड़ियाँ  या  सामाजिक बहिष्कार  हजारों झंझवात  ...
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Friday, 26 January 2024

एक चुप

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एक चुप  सालों का अंतर्द्व्न्द एक आदत  और  तिल तिल मरता मन  कसमसाती भावनाएं  पल प्रतिपल  उठती चितकर  मौन समंदर उठती हुंकार  बस एक चुप  कारण  ...
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Tuesday, 4 April 2023

मौसम की क्या कहे रे मनवा ~

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मौसम की क्या कहे रे मनवा पल पल रंग बदलता है अभी धूप थी अभी छाँव है बारिश होने को बेताब है मौसम का यह क्या हिसाब है बे मौसम बारिश जो हो गई कि...
Tuesday, 14 February 2023

~वेलेंटाइन डे स्पेशल ~

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वात्सल्य की इस तलाश में एक उम्र के बाद फिर इसे पाने में एक उम्र गुज़र जाती है कभी हम नहीं होते तो कभी वह छाँव गुज़र जाती है भाग्यशाली हूँ मैं ...
Sunday, 5 February 2023

~यह प्रतियोगिता का मेला है ~

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यह प्रतियोगिता का मेला है  मंज़िले सामने है  हौंसले बुलंद है  पथ बड़ा कटीला है  पर जरा संभल के भईया  यह प्रतियोगिता का मेला है  किसी के पैर मे...
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Tuesday, 17 January 2023

दो जोड़ी आँखें

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 दो जोड़ी आँखों के बीच नये प्रस्फुटन का आगमन खुशियों के सपनों का मीठा समंदर परवरिश कि सख्त किन्तु कोमल दीवारों के बीच नन्हे परिंदो की उड़ान और...
Saturday, 7 January 2023

यह जरूरी तो नहीं

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हर प्रेम कहानी सपनों के जैसी खूबसूरत ही हो यह जरुरी तो नहीं हर एक प्रेम कहानी में कोई राजा हो या रानी हो यह जरुरी तो नहीं कुछ प्रेम कहानियाँ...
Sunday, 1 January 2023

गुलाब 🌹

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"अभिनव इमरोज" पत्रिका में प्रकाशित मेरी लिखी यह कविता आज भी जब पुरानी डायरी के पन्ने पलटती हूँ कुछ खामोश दस्तावेज़ों कि महक से महक्...
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Wednesday, 21 December 2022

खरपतवार

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  बिकुल खरपतवार की तरह होती हैं औरतें जरा प्यार भर जल मिला नहीं, कि तुरंत उगने लगता है इनका अस्तित्व और फिर ऐसी मजबूत होती चली जाती है इनके...
Saturday, 10 December 2022

पत्थर

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अकेला खड़ा वो देखा करता है रहा आँखों में लिए चंद प्रश्न कोई आकर क्यों पूछता नहीं उसका मर्म उसने वहाँ खड़े होकर जन्म से मृत्यु तक का सफर देखा स...
Wednesday, 9 November 2022

~भागती ज़िंदगी में कुछ छूटते रिश्ते तो कभी टूटते रिश्ते ~

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बेशक बदलते वक़्त के साथ खुद को बदलते हम  समय की कदम ताल से, ताल मिलाते हम  इस अनचाही सी कोशिश में, खुद को झोंकते हम  इस वक़्त की आपाधापी में, ...
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Saturday, 17 April 2021

~पता ही नहीं चला ~

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अटकन चटकन का ले काफ़िला, कब आगे हम चल निकले थे  कब भटकन की राह पर बढ़ गए  पता ही नहीं चला ... कुछ साथ है, कुछ साथ थे, कुछ दोस्त पुराने कब पीछे...
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Tuesday, 23 February 2021

माँ प्रकृति का प्रसाद

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कभी- कभी कुछ तस्वीरें ले तो ली जाती हैं खेल-खेल में  लेकिन बाद में उन्हें देखने पर बहुत कुछ समझ में आता है  जैसे कि यह तस्वीर,  इस तस्वीर ...
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Wednesday, 22 July 2020

हम तुमको ना भूल पाये हैं ~

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बहुत उदास शामें है इन दिनों मायूसियों के साये है फिर भी हम तुम को ना भूल पाए है है फ़िज़ा इन दिनों कुछ ज्यादा ही ग़मगीन के हो रहा है...
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Thursday, 16 July 2020

~चिराग~

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चंद उदास शामें है और चंद स्याह रातें चारों ओर एक अजीब सी खामोशी पसरी है न पंछियो का कोई शोर है ना पार्क में खेल रहे बच्चों की को...
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Tuesday, 23 June 2020

~आखिर क्यों ~?

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कुछ भी तो नहीं बदला प्रिय   हर रोज़ सूरज यूं ही निकलता है शाम यूं ही ढलती है हवाएँ भी रोज़ इसी तरह तो चलती है, जैसे अभी चल रही है प...
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Saturday, 30 May 2020

~अधूरापन~

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तप्ती गरमी और कड़ाके की ठंड को सहती हुई यह वादियाँ ना जाने कितनी सदियों से प्रतीक्षा कर रही है उस आसमान के एक आलिंग कि, की जिसे पाकर म...
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Monday, 25 May 2020

~प्यार ~

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क्या कहूँ तुम से कि नि शब्द हूँ मैं आज तुम्हारी बातें, जैसा मेरा श्रृंगार सुनते ही मानो....मानो मेरे मन मंदिर में जैसे, बज उठते हैं हजार...
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Friday, 22 May 2020

~तुम ~

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इतनी सुंदर तो न थी मैं, जितना आज तुमने मुझे बना दिया कुछ यूं घुमाया शब्दों को, मानो एक दीपक जला दिया गुज़र हुये दिन कुछ इस तरह याद आए ...
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Thursday, 13 February 2020

★~मुहोब्बत आसान नही होती~★

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आज वैलेंटाइन डे है। अर्थात प्यार का दिन, प्यार करने वालों का दिन, लेकिन क्या प्यार का भी कोई दिन होना चाहिए ? आप अपने साथी से कितना प्यार क...
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Saturday, 11 January 2020

सच और झूठ का महत्व

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सच सच ही होता है और झूठ झूठ ही होता है फिर कहा जाता है किसी की भलाई के लिए बोला गया झूठ सच से बढ़कर होता है। लेकिन विडंबना देखिये कि फिर...
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Tuesday, 7 January 2020

जानेमन तुम कमाल करती हो।

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जाने मन तुम कमाल करती हो... उठते ही सुबह से सबका ख्याल करती हो बच्चों को स्कूल भेज खुद काम पे निकलती हो सारा दिन खट के जब घर में कदम र...
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Pallavi saxena
मैं भोपाल की रहने वाली हूँ। मैंने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा भोपाल में ही प्राप्त की। भोपाल के नूतन कालेज से बी.ए एवं अँग्रेज़ी साहित्य में एम.ए किया। एक साधारण सी गृहणी, 7 वर्ष लंदन में रहने के बाद 2014 में फिर अपने वतन भारत(पुणे) वापस आई हूँ। हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक श्री मुंशी प्रेमचंद को बहुत पसंद करती हूँ। उनके लेखन की सरल भाषा को ध्यान में रखकर, उनसे प्रेरित होकर ही मैं अपने ब्लॉग की भाषा को भी सरल बनाकर लिखने का प्रयास करती हूँ, ताकि मेरे ब्लॉग को हर आयु, वर्ग का व्यक्ति आसानी से समझ सके। अपने इस ब्‍लॉग में मैं अपने जीवन के अनुभव प्रस्‍तुत कर रही हूँ।
Garbhanal
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