Tuesday, 24 September 2013

कुछ खामोशियाँ ऐसी भी ...


कभी देखा सुना या महसूस भी किया है तन्हाइयों को 
खामोशी की चादर लपेटे एक चुप सी तन्हाई 
जो दिल और दिमाग के गहरे समंदर से निकली हुई एक लहर हो कोई 
जब कभी दिलो और दिमाग की जद्दोजहद के बीच शून्य में निहारती है आंखे 
तो जैसे हर चीज़ में प्राण से फूँक जाते है 
और ज़रा-ज़रा सांस लेता हुआ सा प्रतीत होता है 
सुनो क्या तुमने भी कभी महसूस किया है तन्हाइयों को इस तरह ...

पक्का नहीं किया होगा 
क्यूंकि तन्हाई उदासी खामोशी तो खुदा की उस नेमत की तरह हैं 
जो केवल इश्क करने वालों को ही नसीब होती है 
पर तुमने तो कभी इश्क किया ही नहीं
खुद से भी नहीं 
और जो खुद से इश्क नहीं कर सकता 
वो भला किसी और से इश्क़ कर सकता है क्या 
नहीं ना ...

इसलिए तुम कभी महसूस ही नहीं कर सकते 
वो तन्हाइयाँ 
वो खामोशियाँ
वो एक चुप 
जो भीड़ में भी तन्हा कर दे
जो बेवजह कहीं भी होठों की मुस्कुराहट का सबब बन जाये

वो ख़मोशी जो उस मसले हुए फूल की तरह होती है, जो खुद मिटकर भी महकता है 
ठीक वैसे ही जैसे एक जली हुई अगरबत्ती जो सुलगती तो है, मगर खुशबू के साथ 
जैसे सागर किनारे खड़े होकर भी लहरों का शोर, शोर सा सुनाई नहीं देता 
जानते हो क्यूँ... क्यूंकि कुछ खामोशियाँ ,तन्हाइयाँ शोर में भी खूबसूरत ही लगती है 
सुनो क्या तुमने भी कभी महसूस किया है उन खामोशीयों और तन्हाइयों को इस तरह .....

18 comments:

  1. सच में जो सच्चे प्रेम में मग्न हैं उन्हें ही इस तरह के एकांत या तन्हाई का अनुभव हो सकता है. सुन्दर रचना.

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  2. बहुत ही अच्छी लगी मुझे रचना........शुभकामनायें ।
    खासकर शुरूआती लाइन से ही ........सुबह सुबह मन प्रसन्न हुआ रचना पढ़कर !

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  3. बहुत सुंदर ..गहरा एहसास लिए रचना ..

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  4. बहुत सुन्दर अहसास और उनकी प्रभावी अभिव्यक्ति...

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  5. ख़ामोशी को जुबान देते लफ्ज़ ……बहुत बढ़िया |

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  6. मुझको इस रात की तनहाई में आवाज न दे......आवाज न दे। एक किस्‍म के प्रेम के रहस्‍य को उजागर करती प्रेमिल, सुन्‍दर कविता।

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  7. Sunder rachna.... pallavi..!

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  8. आप की ख़ामोशी ने इक शे'र की याद दिला दी ...पेश है ..
    तन्हाइयों में भी छेड़ी जाती हैं अक्सर हमारी शाने
    छेड़ने वाले हमें यहाँ भी छेड़ जाते हैं
    हमारी वज़्म और आपकी वज़्म में बस फर्क है इतना
    वहन दिए जलते हैं और यहाँ दिल जलाये जाते हैं .......

    अच्छी रचना .गहरे अहसास ...शुभकामनाये ! स्वस्थ रहें :-)

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  9. आप की ख़ामोशी ने इक शे'र की याद दिला दी ...पेश है ..
    तन्हाइयों में भी छेड़ी जाती हैं अक्सर हमारी शाने
    छेड़ने वाले हमें यहाँ भी छेड़ जाते हैं
    हमारी वज़्म और आपकी वज़्म में बस फर्क है इतना
    वहन दिए जलते हैं और यहाँ दिल जलाये जाते हैं .......

    अच्छी रचना .गहरे अहसास ...शुभकामनाये ! स्वस्थ रहें :-)

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  10. कोमल अहसास लिए बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति...
    :-)

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  11. khamoshiyan bahut kuchh kahti hai ...
    sundar aur pyare bhaw :)

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  12. मन के अहसासों की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति !

    नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )

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  13. यहाँ भी पधारें
    http://sanjaybhaskar.blogspot.in

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  14. अहसासों से भरपूर अभिव्यक्ति

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  15. तन्हाई का मजा हर किसी को नसीब नहीं होता ... इनको जीना पड़ता है ... ये मिलती है मुहब्बत में कहीं गहरे जा के .... नसीब वालों को मिलती है ...

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  16. खामोशियों की महक इश्क में सराबोर हो तो क्यूँ ना खूबसूरत होगी .....ऐसी तन्हाईयों का स्वागत है
    सुंदर ...कोमल रचना

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