Tuesday 29 January 2013

न जाने माँ इतनी हिम्मत हर रोज़ कहाँ से लाती है....

न जाने माँ इतनी हिम्मत रोज़ कहाँ से लाती है
के हों कितने ही गम पर वो सदा मुसकुराती है
हर रोज़ कड़ी धूप के बाद चूल्हे की आग में तपती  है
मगर सुबह खिले गुलाब सी नज़र आती है
न जाने माँ इतनी हिम्मत हर रोज़ कहाँ से लाती है

खुद पानी पीकर गुज़र करती है, मगर हमें खिला के सुलाती है
अगर न हो घर में कुछ तो रुई के फ़ाहे को घी का नाम दे बच्चों को बहलाती है
खुद भूखे पेट सोकर भी वो हमे खिलाती है
न जाने माँ इतनी हिम्मत हर रोज़ कहाँ से लाती है

अंदर ही अंदर कोयले सी सुलगती-जलती है
मगर हर बार ठंडी फुहार सी नज़र आती है
जो हमेशा केवल प्यार बरसाती है
जो गम और खुशी में सदा ही मुसकाती है
न जाने माँ इतनी हिम्मत हर रोज़ कहाँ से लाती है

यूं  तो रोज़ देती है हौंसला मगर खुद अंदर ही अंदर घुली जाती है
मगर पिता और परिवार के समीप एक सशक्त ढाल सी नज़र आती है
आज भी थामकर उंगली वो सही राह दिखा जाती है
इसलिए शायद जीवन की पाठशाला का पहला सबक केवल माँ ही पढ़ती है
न जाने माँ इतनी हिम्मत हर रोज़ कहाँ से लाती है....      

32 comments:

  1. मां शब्द नहीं अपने आप में एक बहुत बड़ी शक्ति---बड़ी अनुभूति है---पल्लवी जी मां के ऊपर आपकी यह रचना बेजोड़ है।

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  2. पहला सबक माँ ही पढ़ाती है ---सही ...

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  3. माँ की ममता से औलाद को ...औलाद के खिले चेहरे
    से माँ को ..हिम्मत आ जाती है....
    बधाई हो सुंदर एहसासों की !

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  4. बहुत अच्छा कही क्या बात हैँ

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  5. माँ तो माँ ही है ....

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  6. मां का जवाब नहीं।

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  7. सच्ची.....जाने कहाँ से इतनी हिम्मत लाती है माँ...
    प्यारी रचना.

    अनु

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  8. प्यार से शक्ति माँ ही जुटाती है क्योंकि सच्चा प्यार वही कर पाती है।

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  9. बहुत ही रम्य कविता |माँ धरती पर ईश्वर का अवतार है |माँ पर कुछ भी लिखा जाय कम ही है |आपको बहुत -बहुत बधाई पल्लवी जी |

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  10. पल्लवी सक्सेना जी प्रणाम आपने माँ को अपनी रचना में जी दिया .इसीलिए तो माँ सिर्फ माँ है उसके जैसा कोई दूजा नहीं .....

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  11. माँ ऐसी ही होती है , आपने बेहतरीन रचना के जरिये बहुत प्यारा सन्देश दिया है ...आभार

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  12. बहुत सुंदर भाव से सजी अच्छी रचना ।

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  13. कुछ आंतरिक भाव,सोच मुझे उस व्यक्ति के साथ खड़ा कर देते हैं - जिसकी सोच की रूह में मेरी रूह शामिल होती है

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  14. ईश्वर के पहले माँ का नाम लिया जाता है .... !

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  15. माँ,.................... मेरी .........माँ !


    मानव जाति के होठो पर जो सबसे सुन्दर शब्द है वह है '' माँ '' और जो सबसे
    सुन्दर संबोधन है , वह है '' मेरी माँ '' | यह आशा और प्यार से भरा शब्द है
    , हृदय की गहराइयो से निकलने वाला मधुर और दयालु शब्द है | माँ सब कुछ है
    -- वह लोक में हमारा समाधान है , दुःख दैन्य में आशा है , निर्बलता में
    शक्ति है | वह प्रेम , करुणा , सहानुभूति और क्षमा का स्रोत है | जो माँ को
    खो बैठा है , वह उस पुनीत आत्मा को खो बैठा है , जो उसे निरंतर आशीर्वाद
    एवं प्राण देती है |

    प्रकृति की प्रत्येक वस्तु माँ की याद दिलाती है | सूर्य पृथ्वी की माँ है
    और वह उसे ताप रूपी पोषण देता है ; रात को हव विश्व से तब तक विदा नही लेता
    है , जब तक पृथ्वी को समुद्र के संगीत और पक्षियों एवं निर्झरो के भजनों
    की धुन पर सुला नही देता | यह पृथ्वी पेड़ -- पौधों और फूलो की माँ है | वह
    उन्हें जन्म देती देती है , पालती -- पोसती और बड़ा करती है |

    पेड़ -- पौधे और फूल अपने विशाल फ्लो और बीजो की माँ है | और माँ , जो की
    समस्त अस्तित्व का मूल नमूना है , चिरंतन आत्मा है -- सौन्दर्य और प्रेम से
    भरपूर | खलील जिब्रान


    वाःह्ह्ह.... बहुत सुन्दर कहा


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  16. मां ,

    मै तुमको क्या उपमा दू
    जग की सब उपमाए छोटी
    स्वर्ग की बाते होती झूठी
    जग का निर्माता
    भाग्य विधाता
    इश्वर भी तुमसे कम है
    फिर मै तुमको क्या उपमा दू

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  17. ishwar jab maa banata hai to sari khoobsoorti usme sama hi jati hai...........

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  18. "माँ" शब्द में ही शक्ति है .........अच्छा आलेख।

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  19. Nice post.

    maa ki dua chahiye
    http://pyarimaan.blogspot.in/2012/12/pyaari-maa-mujhko-teri-dua-chahiye-urdu.html

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  20. ये बस माँ के ही बस में होता है ... सब कुछ कर सकती है वो ...
    सुन्दर ... माँ को समर्पित रचना ...

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  21. बहुत गहरे भावों वाली सुंदर कविता, माँ की हिम्मत कविता बन गई है यहाँ पर, हर बच्चे के लिए यह बड़ा राज है। आत्मा पर इतने सारे प्रहार होने के बाद भी कैसे खिला लेती है ओठों पर हँसी, शायद वो भी बच्चों के लिए। बहुत सुंदर

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  22. bahut sunder ..aapke blog par aakar bahut achchha lga ..ab aana hota rahega

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  23. बढ़िया पोस्ट | कल २८/०२/२०१३ को आपकी यह पोस्ट http://bulletinofblog.blogspot.in पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!

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  24. न जाने माँ इतनी हिम्मत ...

    वाह !
    अगर वे यह ना करें तो हमें रास्ता कैसे दिखे !

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  25. बेहद प्रभाव साली रचना और आपकी रचना देख कर मन आनंदित हो उठा बहुत खूब

    आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे

    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में

    तुम मुझ पर ऐतबार करो ।

    .

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  26. बहुत सुन्दर और सशक्त भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

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