Sunday, 9 June 2013

इसी का नाम है ज़िंदगी ...


पल पल बदलते रहने का नाम है ज़िंदगी
आज सुबह तो कल शाम है ज़िंदगी

अपने ग़म में तो सभी जीते है
दूसरों के ग़म को जीने का नाम है ज़िंदगी

खूद अपनी खुशी में हंस लिए तो क्या बड़ा किया
रोते हुए बच्चे को हँसाने का नाम है ज़िंदगी

चढ़ते सूरज के साथ आगाज़ का नाम है ज़िंदगी
नित नए पल मिलने वाले तोहफ़े का नाम है ज़िंदगी

सांस तो सभी ले रहे हैं जीने के लिए,
फकत सांस लेते रहने का नाम ना है ज़िंदगी

यूं तो गुजरते कारवां सी भी है यह ज़िंदगी
मगर तेरे नाम के बिना जो गुज़र जाये वो बियाबाँ है ज़िंदगी

भले ही तेरी मूहोब्बत के फूल न सही इसमें
मगर तेरी यादों का दरख़्त है यह ज़िंदगी

गुज़र जाने का नाम ही है ज़िंदगी
गुज़र ही जाये एक दिन,

मगर बिन प्यार किए जो गुज़र जाये तो वो हराम है ज़िंदगी
क्यूंकि केवल प्यार का ही तो दूसरा नाम है ज़िंदगी

पल्लवी सक्सेना    

18 comments:

  1. मगर तेरे नाम के बिना जो गुजर जाए वो बियाबान है जिन्‍दगी.......एकदम जिन्‍दगी जैसी गजल।

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  2. बहुत अच्छी रचना

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  3. ऐसी ही है यह जिंदगी

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  4. ज़िंदगी का फलसफा अच्छा लगा ।

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  5. ज़िंदगी का बहुत सुन्दर चित्रण...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति..

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  6. ज़िन्दगी का खुबसूरत फलसफा बहुत ही शानदार दृष्टिकोण

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  7. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,सादर आभार।

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  8. दुआ चंदन
    बस रहे पावन
    जहाँ भी रहे !

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  9. बहुत खूब ... जिंदगी का फलसफा लिख दिया है हर शेर में ...
    सभी शेर लाजवाब .. कमाल के हैं ...

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  10. प्‍यार का ही दूसरा नाम है जिंदगी...बि‍ल्‍कुल सच

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  11. Khud apni khushi me hanse---Indeed These lines touched me.Many congratulations for writing such fabulous poems..

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  12. प्यार का ही नाम है ज़िन्दगी । आपने जीवन का दर्शन सही रूप मेँ प्रस्तुत किया है । बधाई । सस्नेह

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  13. बहुत ही अच्छी लगी मुझे रचना.......... शुभकामनायें ।

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  14. Mere pairo me teri thakan ho
    Tere labo pai meri muskan ho..
    ..........jindagi isi ka naam hai

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